NCERT Class 10th Science Chapter-3 Notes (धातु एवं अधातु)




Chapter – 3   धातु एवं अधातु

Class 10 Science Handwritten Notes PDF: आपको यहां Science के Handwritten Notes मिलेंगे। परीक्षा में, आपको पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न मिलेंगे, और यह निश्चित है कि पेपर कहाँ से आता है। आखिरी समय में, जब आपकी परीक्षाएं नजदीक हैं, तो आप कहां पर जाएंगे

Join Telegram

आप ऐसे Class 10 Science Handwritten Notes PDF ढुंड रहे हैं जो ठीक से लिखे गए हों, अच्छे उदाहरणों के साथ तो आप सही जगह पर हैं। 10वीं कक्षा में पढ़ना कोई मज़ाक नहीं है, आप न केवल नोट्स ढूँढ़ने में अपना समय बर्बाद कर सकते हैं और वह भी तब जब आपकी परीक्षाएँ नज़दीक हों। हमारे पास Class 10 Science Handwritten Notes PDF हैं जो बहुत अच्छी तरह से लिखे गए हैं और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। साथ ही कक्षा 10th विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न आप यहाँ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

Class 10 Science Handwritten Notes PDF Download

आपके समय के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हम इसे यथासंभव सरल और समझने योग्य बनाने का प्रयास करेंगे। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को देखते हुए हम Notes को आसान बनाने की कोशिश करेंगे। ताकि आप उन्हें समझने में अपना समय बर्बाद न करें। अगर पैटर्न या सिलेबस में कोई बदलाव होता है तो हम इस पर विचार करेंगे और फिर नोट्स बनाएंगे। हमारे शिक्षा विशेषज्ञ एक बार इन नोट्स को देखें और फिर वेबसाइट पर लिंक अपलोड करें। हम पिछले 10 वर्षों के सभी प्रश्नपत्रों का अच्छी तरह से अध्ययन करेंगे और फिर छात्रों के लिए साफ-सुथरे नोट्स तैयार करेंगे। जिसे आप निचे दिये गये लिंक से Class 10 Science Handwritten Notes PDF Download कर सकते है।

धातु :-

  • पदार्थ जो कठोर , चमकीले , आघातवर्ध्य , तन्य , ध्वानिक और ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं , धातु कहलाते हैं ।
  • जैसे :- सोडियम ( Na ) , पोटाशियम ( K ) , मैग्नीशियम ( Mg ) , लोहा ( Fc ) , एलूमिनियम ( AI ) , कैल्शियम ( Ca ) , बेरियम ( Ba ) धातुऐं हैं ।


धातुओं के उपयोग :-  धातुओं का उपयोग इमारत , पुल , रेल पटरी को बनाने में , हवाईजहाज , समुद्री जहाज , गाड़ियों के निर्माण में , घर में उपयोग होने वाले बर्तन , आभूषण , मशीन के पुर्जे आदि के निर्माण में किया जाता है ।

अधातु :-

  • जो पदार्थ नरम , मलिन , भंगुर , ऊष्मा तथा विद्युत के कुचालक होते हैं , एवं जो ध्वानिक नहीं होते हैं अधातु कहलाते हैं ।
  • जैसे :- ऑक्सजीन ( O ) , हाइड्रोजन ( H ) , नाइट्रोजन ( N ) , सल्फर ( S ) , फास्फोरस ( P ) , फ्लूओरीन ( F ) , क्लोरीन ( CI ) , ब्रोमीन ( Br ) , आयोडिन ( I ) , अधातुऐं हैं ।

अधातुओं के उपयोग :ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए आवश्यक है , जिसे सजीव श्वसन के समय अन्दर लेते हैं ।नाइट्रोजन का उपयोग उर्वरकों में पौधों की वृद्धि हेतु किया जाता है । क्लोरीन का उपयोग जल शुद्धिकरण प्रक्रम में किया जाता है । आयोडीन का विलयन एंटीबायोटिक के रूप में घावों पर लगाया जाता है ।

धातु के भौतिक गुण :-


 भौतिक स्थिति :- धातुएँ सामान्यतः ठोस तथा कठोर होती हैं । प्रत्येक धातु की कठोरता अलग – अलग होती है । धातुओं का गलनांक अधिक होता है ।

चमक :- अपने शुद्ध रूप में धातु की सतह चमकदार होती है । धातु के इस गुणधर्म को धात्विक चमक कहते हैं ।

आघातवर्ध्यता :- धातुओं को पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है । इस गुणधर्म को आघातवर्ध्यता कहते हैं । सोना तथा चाँदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं ।

तन्यता :- धातु के पतले तार के रूप में खिंचने की क्षमता को तन्यता कहा जाता है । सोना सबसे अधिक तन्य धातु है , एक ग्राम सोने से 2 km लंबा तार बनाया जा सकता है ।


चालकता :- धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती हैं । सिल्वर तथा कॉपर अच्छे चालक हैं ।

ध्वानिक :- सामान्यत : धातुएँ कठोर सतह से टकराने पर एक विशेष आवाज़ उत्पन्न करती हैं , अत : उन्हें ध्वानिक कहते हैं ।

अधातुओ के भौतिक गुण :-

भौतिक स्थिति :- अधातुएँ सामान्यतः या तो ठोस या फिर गैसें होती हैं ।

चमक :- अधातुओं में चमक नहीं होती हैं ।

नोट : अपवाद :- आयोडीन अधातु होते हुए भी चमकीला होता है ।

आघातवर्ध्यता :- अधातुएँ आघातवर्धनीय नहीं होती हैं । अधातुऐं भंगुर होती हैं अतः इन्हें पीटने पर ये टूट जाती हैं ।

तन्यता :- अधातुएँ तन्य नहीं होती है ।

चालकता :- अधातुएँ विद्यतु तथा ऊष्मा की कुचालक होती है ।

धातुओं का निष्कर्षण :-

अभिक्रियाशीलता के आधार पर हम धातुओं को निम्न तीन वर्गों में विभाजित कर सकते हैं :-

  • निम्न अभिक्रियाशील धातुएँ
  • मध्यम अभिक्रियाशील धातुएँ
  • उच्च अभिक्रियाशील धातुएँ ।
  • प्रत्येक वर्ग में आने वाली धातुओं को प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है ।
  • सक्रियता श्रेणी में नीचे आने वाली धातुएँ सबसे कम अभिक्रियाशील होती हैं । ये स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती हैं । उदाहरण के लिए , गोल्ड ( सोना ) , सिल्वर ( चाँदी ) , प्लैटिनम एवं कॉपर ( ताँबा ) स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैं । कॉपर एवं सिल्वर , अपने सल्फाइड या ऑक्साइड के अयस्क के रूप में संयुक्त अवस्था में भी पाए जाते हैं ।
  • सक्रियता श्रेणी में सबसे ऊपर की धातुएँ ( K , Na , Ca , Mg एवं Al ) इतनी अधिक अभिक्रियाशील होती हैं कि ये कभी भी स्वतंत्र तत्व के रूप में नहीं पाई जातीं । अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण निम्न चरणों में होता है

भर्जन :- सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में अधिक ताप पर गर्म करने पर यह ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है । इस प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं ।

तापन जिंक सल्फाइड अयस्क का भर्जन :- 2ZnS(s) + 3O₂(g) [ तापन → ] 2ZnO(s) + 2SO₂(g)

निस्तापन :- कार्बोनेट अयस्क को सीमित वायु में अधिक ताप पर गर्म करने से यह ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है । इस प्रक्रिया को निस्तापन कहा जाता है ।

तापन जिंक के कार्बोनेट अयस्क का निस्तापन :- ZnCO₃(s) [ तापन → ] ZnO(s) + CO₂(g)

अपचयन :- कार्बन जैसे उपयुक्त अपचायक का उपयोग कर भर्जन या निस्तापन से प्राप्त धातु ऑक्साइडों से धातु प्राप्त की जाती है । उदाहरण के लिए जब जिंक ऑक्साइड को कार्बन के साथ गर्म किया जाता है , तो यह जिंक धातु में अपचयित हो ता है ।

Join Telegram